Tuesday, January 6, 2009

रांची का राजकुमार या राजकुमार का रांची???



अपनी दिलकश मुश्कान से लोगों के दिलों पर राज करने वाले रांची के राजकुमार महेंद्र सिंह धोनी आजकल जब भी रांची आते है तो, उनके चहरे पर मुश्कान कम ही नज़र आती है. कभी मीडिया और फैंस के कारन तो कभी अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर, चिंता की लकीरें माही के माथे पर साफ़ दिखती हैं.

पिछले दिनों धोनी जब रांची पहुंचे थे तो उन्हें नए साल के गिफ्ट के तौर पर धमकी भरे तो पत्र मिलें. दाऊद के नाम पर रांची के ही एक अपराधी ने उनसे रंगदारी के तौर पर 50 लाख रुपये की मांग की. पैसा नही देने पर रांची के इस लाल को रांची मैं परिवार के साथ उड़ा देने की चेतावनी दी.
धोनी को धमकी मिलने से पुरे देश में हड़कंप मच गयी. और ये लाजिमी भी था क्योंकि माही आज भारत की शान जो हैं. झारखण्ड सरकार से लेकर गृह मंत्रालय तक सभी हरकत में आ गए. पुलिसिया जांच शुरू हुई. पर रांची में उनका एक-एक मिनट भरी पड़ रहा था, सो साल के पहले ही दिन वो मुंबई लौट गए. अब आप ही अंदाजा लगाये कि दुनिया भर में रांची का नाम रौशन करने वाले धोनी 9 साल के बाद परिवार के साथ नए साल का जश्न मानाने रांची पहुंचे तो थे, पर स्तिथि ऐसी हो गई कि माही को साल के पहले ही दिन परिवार को छोड़कर दूर जाना पड़ा.

खैर ये कोई पहली बार नही था जब रांची ने धोनी को चोट पहुंचाई हो. इससे पहले भी २००७ वर्ल्ड कप में टीम इंडिया जब पहले राउंड में ही हारकर बाहर हो गई थी, तो कुछ लोगो ने उनके निर्माणधीन घर को तोड़ने की कोशिश की. यहीं नहीं, रांची की जनता ने तो उस समय शर्म की सारी सीमा ही लाँघ दी जब माता-पिता के सामने इस खेल रत्न की अर्थी शहर में निकली गई थी. स्विमिंग पूल को लेकर भी लोगों ने माही को अदालत तक घसीट दिया.

गौरतलब हैं कि ये सब उसी शहर में हुआ महेंद्र सिंह धोनी कि मन्दिर बनवाकर पूजा-पाठ करने और माही से जुड़ी यादों को सहेजने कि बात चल रही हैं.
पर सबसे अहम् बात ये है कि, रांची वही शहर हैं जिसे धोनी ने दुनिया के नक्शे पर जन्म दिया, उसे एक नई पहचान दिलाई. पर बदले में रांची ने अपने इस लाल को क्या दिया?

इससे पहले कि ज़्यादा देर हो जाए, अब समय आ गया हैं कि हम, आप और सभी रांचीवासी यह निश्चय कर ले कि, "धोनी को रांची कि ज़रूरत है या फ़िर रांची को धोनी की???"